Saturday, April 6, 2013

Need of Gandhian Environment is demand of hours

Gandhian Environment : Aren’t we now, leading for a disaster, in this blind race of development? – Amidst all sort of problems such as rapid population growth, production and consumption pattern causing stress and strain on natural systems, degradation and depletion of natural resources affecting the life support system (air, water, soil, and bio-diversity), unpredictable global climate change, ozone layer depletion and sea-level-rise, unemployment, poverty, economic inequality, social injustice, poor conditions of villages, big polluted cities, rivers and polluting industries ? In the course of development we have to think of these problems and try to find out the solution best suited to our needs.


Self-sufficiency of villages, promotion of small and cottage industries, control on the import of consumption goods, improved agriculture etc, are some of the ways to reach our goal. Importance should be given to the qualitative improvement of human resources; education and health are to be given top priority. Better sanitation, better living condition and better life, can be achieved only through the Gandhian ways today. A sustainable society has to aim at working in partnership with nature and conserve resources and energy, reduce wastes and avoid degradation of renewable. It should produce goods that are easy to recycle, reuse and repair after use. The method of growing food and raising livestock have to be based on the use of soil and water conservation, bio-fertilizers, biological control of pests. The society should largely be a solar/wind/bio-mass based society together with a whole range of environment friendly technologies mainly based on renewable resources. Hence, resources should be utilized prudently and the basic need of people is to be met without any serous detriment to the environment. In this context Gandhiji’s thought, shall always remain relevant for the smooth global development. 

"इन सब के लिए कौन जिम्मेदार है......? कांग्रेस"


ॐ "जयगुरुदेव" "वन्देमातरम" "नमो बुद्धाय" ! -- "इन सब के लिए कौन जिम्मेदार है......? कांग्रेस" (1) 1969 अहमदाबाद में सांप्रदायिक दंगों में मुसलमानों ने 512 से अधिक हिंदुओ को मार डाला सत्तारूढ़ पार्टी – कांग्रेस (2) अगस्त १९८० मुरादाबाद साम्प्रदायिक दंगों में लगभग मुसलमानों ने 2000 हिंदुओ को मार डाला – सत्तारूढ़ पार्टी – कांग्रेस (3) मई 1984 भिवंडी में साम्प्रदायिक दंगों में मुसलमानों ने 146 हिंदुओ को मार डाला, – सत्तारूढ़ पार्टी -कांग्रेस, पाटिल मुख्यमंत्री (4) अक्टूबर 1984 दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगों में मुसलमानों ने 2733हिंदुओ को मार डाला – सत्तारूढ़ कांग्रेस -पार्टी (5) अप्रैल 1985 में मुसलमानों ने अहमदाबाद में सांप्रदायिक दंगों में 3000 हिंदुओ को मारा गया | – सत्तारूढ़ कांग्रेस - पार्टी (6) जुलाई 1986 में मुसलमानों ने अहमदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा 59 हिंदुओको मार डाला | – सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस (7) अप्रैल – मई 1987- 81 हिंदु मारे गए सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस मेरठ में साम्प्रदायिक उत्तर प्रदेश, हिंसा | (8) 1983 फ़रवरी 2000 हिंदु को मार डाला | | Nallie, असम में सांप्रदायिक हिंसा प्रधानमंत्री – इंदिरा गांधी. (9) कश्मीर हिन्दुओ से खाली हो गया उस का जिम्मेदार कौन है, कांग्रेस सत्ता में और इस का अलावा बहुत कांड है, जो कांग्रेस ने किये है, इनको मीडिया क्यों नहीं रोता ? क्यों सिर्फ गुजरात दीखता है... :-www.bharatswabhimantrust.org—--DrKrantivir (Swadeshi Swabhimani Kranti Manch)

"स्वदेशी अपनायेंगें . भारत समृद्ध बनायेंगें." "भ्रष्टाचार मितायेंगें कालाधन भी लायेंगें."


ॐ "जयगुरुदेव" "वन्देमातरम" "नमो बुद्धाय" ! जरा सोचिये ! जब पतंजलि योगपीठ द्वारा 1100 करोड़ के स्वदेशी कृषि आधारित व्यवस्था से 35000 लोगो को रोजगार दिया ज़ा सकता है तो यदि भारतीय अर्थव्यवस्था में 100 लाख करोड़ गुप्त कालाधन निवेषित करके इमानदारी/ पारदर्शी तरीके से नियंत्रित किया जाये तो भारत में काम करने वाले कम पड़ जायेंगे, भारत की बेरोजगारी 100 % समाप्त हो जाएगी. राष्ट्रगौरव योग ऋषि बाबा रामदेव जी महाराज सही कहते है कि देश में आरक्षण की आवश्यकता ही नहीं रहेगी I बाबा जी तो सिर्फ गोमूत्र की दवा से 1 करोड़ गुने 70 रुपये लीटर गुने 12 महीना = 840 करोड़ का व्यापार बनाकर 30000 लोगो को स्थाई रोजगार दे देंगे और भारत की हजारो गायो को कटने से भी बचा लेंगें साथ ही साथ विदेशी कंपनियों की 8000 करोड़ की ह्रदय रोग की अंगेजी दवाओ की लूट भी रोकेंगे.बाबा जी सही कहते है कि वह 10 साल में 30 करोड़ रोजगार पैदा करवा सकते है यदि विदेशी कंपनियों की लूट बंद हो जाये तो I "स्वदेशी अपनायेंगें . भारत समृद्ध बनायेंगें." "भ्रष्टाचार मितायेंगें कालाधन भी लायेंगें." भारत देश से भ्रष्टाचार, भ्रष्ट व्यवस्थावों को मिटाकर, विदेशों में छिपा अकल्पित (लगभग ४०० लाख करोड़ से अधिक ) धन स्वदेश में लाकर, मंहगाई, बेरोजगारी दूर कर, आतंकवाद मिटाने, सभी युवावों को पूर्ण स्वाभिमान के साथ रोजगार दिलाने, अन्याय व् अत्याचार , जातिगत व् आर्थिक / राजनैतिक भेदभाव समाप्त करने, गो हत्या बंद करने/कराने, भारत को सोने का शेर बनाने एवं भारत को विश्वगुरु का वैभवशाली प्राचीन गौरव वापिस दिलाने हेतु राष्ट्र निर्माण/ राष्ट्रधर्म की चेतना फ़ैलाने वाले, परम पूज्य बाबा रामदेवजी के राष्ट्रवादी आन्दोलन "भारत स्वाभिमान" से जुड़े और नीचे दिए लिंक से आप जुड़ने के साथ ही इस महँ राष्ट्रवादी आन्दोलन से सम्बंधित बहुत साडी जानकारी हासिल कर सकते हैं I:-www.bharatswabhimantrust.org—--DrKrantivir (Swadeshi Swabhimani Kranti Manch)

BEING HARDCORE NATIONALIST MODI LOOKS YAMRAJ(DHARMRAJ) TO ANTI-NATIONALS LIKE CONG


"JAI GURU DEV" OM. "VANDEMATRAM" "VANDE-GO-MATRAM" It's very unfortunate that Bharat couldn't b'come d nationalist country, since it was gripped by anti-nationals. Now w've to liberate. Being a a hardcore nationalist Modi is yamraj for anti-nationals. The nation & we nationalist/patriotic forces welcome such.. We hate such mental anti-nationals (Cong& Corrupt Corporate and Extremely Corrupt Media) who dislike Narendra Modiji. Builders& Congressi CM must be hanged after such extremely unfortunate incident (collapse of under construction) Not only the matter of paying the bills but, it's proven by himself as big anti-national- Prashant Bhushan. Khujliwal jaise nautankibajon ka upwas k nam drama, upavas k mission ko khatm kar dena chahta hai. Akhir najayaj aulad kiska hai ? Usi kalmuhi ka to, bura kya kiya? Jaisa wo karti hai ,usne bhi waisa hi to kiya.—DrKrantivir (Swadeshi Kranti Manch)

Wednesday, April 3, 2013

महात्मा गांधी कांग्रेस को भंग करना चाहते थे, जयललिता ने पेश किये दस्तावेज

महात्मा गांधी कांग्रेस को भंग करना चाहते थे, जयललिता ने पेश किये दस्तावेजचेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने यह साबित करने के लिये कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस पार्टी को भंग करना चाहते थे, आज विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों के समक्ष दस्तावेज पेश किये। उनके मंत्रिमंडल में नगर निगम प्रशासन एवं ग्रामीण विकास मंत्री के.पी मुनुसामी ने कल एक चर्चा के दौरान कहा था कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता मिलने के बाद कांग्रेस को भंग कर देना चाहते थे। 

विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने उनसे यह साबित करने की मांग की थी। इसी संदर्भ में जयललिता ने आज ‘दी कलेक्टेड वक्र्स ऑफ महात्मा गांधी-वाल्यूम 90’ के कुछ अंश पढ़े। उन्होंने पढ़ा, ‘‘बंटवारे के बावजूद भारत को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से अपनाये तरीकों से राजनैतिक स्वतंत्रता मिल चुकी है, अब कांग्रेस का उसके वर्तमान स्वरूप में (एक प्रोपगेंडा के मंच और संसदीय यंत्र के तौर पर) समय से अधिक वक्त तक इस्तेमाल हो चुका है।’’ 

कांग्रेस के सदस्यों एस.विजयधरानी और प्रिंस ने कल दावा किया था कि महात्मा गांधी ने कभी इस संदर्भ में कुछ नहीं कहा। लेकिन जयललिता की ओर से आज यह दस्तावेज पेश किये जाने के बाद कांग्रेस के सदस्य निरुत्तर हो गये।

MEDICINAL PEROPERTIES OF GO-GHRIT (COW -GHEE) HEADACHE, MIGRAINE, HAIR FALL, CHEST PAIN BURNING, WOUNDS, CUTS...


गाय का घी(देशी भारतीय नस्ल की गौ माता ) गाय के घी को अमृत कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है। दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक होता है। सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा। नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जा ता है।गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है। हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है। 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है। फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है। गाय के घी की झाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है। सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा। अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें। गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है। जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है। यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन संतुलित होता है यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है। गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है। देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है। गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है। गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है। गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है। गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ठीक हो जाता है गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है। विशेष :-स्वस्थ व्यक्ति भी हर रोज नियमित रूप से सोने से पहले दोनों नशिकाओं में हल्का गर्म (गुनगुना ) देसी गाय का घी डालिए ,गहरी नींद आएगी, खराटे बंद होंगे और अनेको अनेक बीमारियों से छुटकारा भी मिलेगा।

MEDICINAL PROPERTIES(IN MIGRAINE, ENHANCING-MEMORY, HEAR ATTACK PARALYSIS, HAIR FALL ETC) OF GO-GHRIT (COW-GHEE)


गाय का घी(देशी भारतीय नस्ल की गौ माता ) गाय के घी को अमृत कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है। दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक होता है। सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा। नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जा ता है।गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है। हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है। 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है। फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है। गाय के घी की झाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है। सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा। अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें। गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है। जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है। यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन संतुलित होता है यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है। गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है। देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है। गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है। गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है। गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है। गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ठीक हो जाता है गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है। विशेष :-स्वस्थ व्यक्ति भी हर रोज नियमित रूप से सोने से पहले दोनों नशिकाओं में हल्का गर्म (गुनगुना ) देसी गाय का घी डालिए ,गहरी नींद आएगी, खराटे बंद होंगे और अनेको अनेक बीमारियों से छुटकारा भी मिलेगा।

ECONOMIC REFORM IN REAL SENSE & RIGHT PERSPECTIVE


OM. BEING GANDHIAN THINKER(ECONOMIST) FEW SUBMISSION FROM MY SIDE- (1) -ECONOMIC REFORM NOT ECONOMICAL REFROM (2)- BHARAT CAN NEVER BE REPLACED BY INDIA. (3)- RECONSIDER Re1=1 DOLLAR (4)- ABOLISH & RECALLTHE BIG CURRENCIES Rs100/- & ABOVE.(5)- EACH & EVERY VILLAGE SHOULD BE DEVELOPED AS A NATION(GAON GANRAJYA) (6)- SOCIO-ECONOMIC, CULTURAL& POLITICAL DEVELOPMENT WITH SWADESHI MODEL NOT WITH WASTE MODEL OF WEST. (7)- COMPLETE EXPULSION OF FOEIGN BASED MNCs FROM BHARAT.(8)- CANCELLATION OF UNFORTUNATE BLACK AGREEMENT( TRANSFER OF POWER AGREEMENT) TOOK PLACE BETWEEN NEHRUDDIN & BETON ON 14th AUG 1947, (9)- ABOLISION OF ALL BRITISH LAW/ACTs (RULE) RIGHT FROM INDIAN POLICE ACT, LAND AQUSISION ACT etc. SUCH REFORMS WILL CHANGE THE SOCIO-ECONOMIC & POLITICAL SCENARIO OF BHARAT.- DR. KRANTIVIR

Tuesday, April 2, 2013

MULLA-YAM MUST WITHDRAW HIS SUPPORT FROM SINKING SHIP (ANTI-NATIONAL, "CONG")


"JAI GURU DEV" OM. "VANDEMATRAM" "VNDE-GO-MATRAM" SAMBHAV HAI KI MULAYAM UPA SE SUPPORT WITHDRAW KAR LEN KYUNKI UNHONE SANKET DIYA THA KI DMK K SUPPORT K RAHTE UPA SE SUPPORT WITHDRAW KARNE SE BHI GOVT GIRNE WALI NAHI. LEKIN ABTO MUALYAM PE NIRBHARTA RAH GAI HAI AUR DMK APNA SUPPORT WITDRAW KAR CHUKI HAI. AB-BARI MUALAYM(SP) KI HAI. MULAYAM KO GO -MATA KI KASM AGAR INHONE GO-MATA KA DUDH PIYA HAI AUR GO-MATA KO GO-MATA MANTE HAIN AUR KHUD KO YOGESHWAR BHAGVAN KRISHN KA VANSHAJ(GOPAL/GWAL) MANTE HAIN TO TAKAL GO-HATYARE UPA/CONG SE SUPPORT WITHDRAW KAR LEN. WARNA "KHUD TO DUBGENGEN SANAM, TUMKO BHI LE DUBENGEN" KI KAHAVAT CHARITARTH HONE WALI HAI KYUNKI COGN EK DUBTA HUA JAHAJ HAI. -DrVD SHARMA "KRANTIVIR" (SWABHIMAN MANCH)

CANCEROUS CRICKET IS ANTI-NATIONAL GAME PLAYED BY SPECULATORS


“JAI GURU DEV”..”Vandematram”. “Vande-Go-Matram”.We all nationalist forces have 2 make best efforts 2 remove anti-national Cong from the nation. Cricket is cancerous, anti-national game, regulated by speculators, gamblers,anti-national forces, it must be banned in Bharat. It's better to say Sanatan Philosophy rather than Hindu Philosophy. Hinduism has not the right meaning/sense. —DrVD SHARMA, Krantivir, Bharat Swabhiman Manch