Thursday, March 28, 2013

HOLI KI SACHCHI SHUBHKAMNAYE/BADHAIYAN


"JAI GURU DEV" "VANDEMATRAM" "VANDE-GO-MATRAM" “HOLI” KI MUBARAKBAD. SABHI DESH-BHAKT-RASHTRA-VIR / KRANTI-VIRON , VANCHITO, UPEKSHITO KO BURAI K DAHAN (ANT) V ACHCHHAI K ABHYUDAY, ATMA –PARMATMA K MILAN (ADHYATMVAD), VIVIDHATA ME EKTA KA PRATIK COLOURFUL “HOLI” ( HOLI K pahle BURAIYON-pap, anyaya, atyachar v bhrashtachar KI HOLIKA jalayen, tab Holi manayen varna vina kisi uplabdhi k Holi ki khushiyan kaisi?) K MAHAPARV KI HARDIK/ MANGAL SHUBHKAMNAYE JYAPIT KARTE HUE PAVITR BHAV K SATH SATTAVON V VYAVASTHAVON K SHIRSH PE BAITHE HUE DESHDROHI, PAPI, DANVON KO BEDAKHAL KARNE HETU, "CONG HATAVO DESH BACHAO" K RASHTRAVYAPI PAVITRA ABHIYAN KO APNAKAR APNA RASHTRA-DHARM NIBHANE KI MARMIK APPEAL KARTE HAIN.—DrKrantivir VD SHARMA (CONG HATAO, SWADESHI-KRANTI MANCH)

JAIGURUDEV: JaiGurudev Sandesh, Samachar - JAI GURU DEV, MATHU...

JAIGURUDEV: JaiGurudev Sandesh, Samachar - JAI GURU DEV, MATHU...: SATSANG  - 12-04-2010 बाबा जयगुरूदेव जी महाराज ने आज प्रातः गाजीयाबाद में सत्संग और नामदान दिया। अपने संदेश में बाबा जी ने कहा कि मनुष्य शरी...
JAI GURU DEV. IS BADLE HUE PRADUSHIT MAHAUL ME 1-5% INSAN JO ADARSHON PE  JEENA / CHALNA CHAHTE HAIN, WO INSAN KYAN KAREN JAB KI BCHCHE V PATNI ME SE SABHI VIDROH KAR JAYEN AUR SIRF VE PAISE K BHUKHE HON UNKI ADARSHPURN  KOI BAAT PATNI BACHCHE MANE HI NAHI! FIR AISE ME WO LACHAR INSAN KYA KARE?

Friday, March 8, 2013


Corrupt system k bare me apke bachan/kathan purntaya satya hain. Yugpurush Baba Jai Guru Dev ji Mahraj Mathura wale kaha karte the ki Raje Rajwadon k upar ye neta aarop lagate the ki ye janta ka dhan fijul kharch karte hain. Un rajwadon se kai guna adhik to ek mamuli (tuchcha) MLA (apni aiyyashi me) karch karta hai. Kendra ki dono sadano v rajyon ko sadano , MLA/MPs v kendra v rajyon k sare Ministers(PM/CM, Governor, President sahit), sare adhikariyon , karmchariyon k vetan, perks, facilities, amenties(Cash/Kinds me) pure masik/ varshik kharch ki audit karke pura vyora ( alag-alag v kul yog) Bharat Swabhiman ki website pe uplabdh karate hue facebook / mail pe dikiye. Nakab se parda hatan bahut jaruri hai. Ab bahut ho chuka. ---Dr VDS "Krantivir

Corrupt system k bare me Yugpurush Baba Jai Guru Dev ji Mahraj Mathura wale kaha karte the ki Raje Rajwadon k upar ye neta aarop lagate the ki ye janta ka dhan fijul kharch karte hain. Un rajwadon se kai guna adhik to ek mamuli (tuchcha) MLA (apni aiyyashi me) karch karta hai. Kendra ki dono sadano v rajyon ko sadano , MLA/MPs v kendra v rajyon k sare Ministers(PM/CM, Governor, President sahit), sare adhikariyon , karmchariyon k vetan, perks, facilities, amenties(Cash/Kinds me) pure masik/ varshik kharch ki audit karke pura vyora ( alag-alag v kul yog) Bharat Swabhiman ki website pe uplabdh karate hue facebook / mail pe dikiye. Nakab se parda hatan bahut jaruri hai. Ab bahut ho chuka. ---Dr VDS "Krantivir

OM. YE BILKUL SATYA BAAT HAI KI NEHRU DUR2 TAK BRAHMIN NAHI THA. NEHRU PARIVAR KE KARIBIYON SE MAINE IS TATHYA KO JAANANE KI KOSHIS KIYA JO AB IS DUNIYA ME NAHI RAHE. NEHRU KE PURVAJ IRAN SE KASHMIR AAYE WAHAN NAHAR KE KINARE BASAYE JAANE KE KARAN NEHRU KAHLAYE . WAHAN SE MEERGANJ (VESHYAVON K MOHALE) ALLD ME SHIFT HUE. MOTI LAL MUSLIM KOTWAL SE PAIDA HUE. JAB WAKALAT CHAMKI TO ANAND BHAVAN GIFT ME MILA . TAB JAKAR VE RANDIYON KE MUHALLE MEERGANJ SE ANAND BHAVAN AAYE. J L NEHRU KI PAIDAIS USI MIRGANJ ME HUI THI. NEHRU PARIVAR NE LAMBE SAMAY TAK DESH ME HUKUMAT KIYA ISLIYE APNE KHILAF SABUTON KO MITAYA PUSTAKON V PRESS KO JALAYA , VIRODHIYON KO MARVAYA, DAHSHAT PAIDA KIYA KI UNKE KHILAF KOI KUCHH BOL/ LIKH NA SAKE. JATIVADI/ MANUVADI VYAVASTHA WALE IS MULK ME USNE APNI SUPREMACY BANANE HETU PANDIT LIKHNA SHURU KAR DIYA. YE STRATEGY MOTI LAL NEHRU KI THI. NEHRU PARIVAR NA TO JANM SE NA HI KARM YA CHARITRA SE KABHI KAHIN DUR2 TAK BRAHMAN NAHI THA. YE DESH KI BHOLI BHALI JATIVADI JANTA KO BEFOOL KARNE HETU YE CONSPIRED STRETEGY RACHI GAI THI. AUR VE DESHDROHI APNE MAKSAD ME KAMYAB HUE. LEKIN UNKI DHURTATAPURN CHALEN AB UNPE BHARI PADNE WALI HAIN. DESH KI ASLI MALIK (SOTI HUI) JANTA KO PP BABA RAM DEV JI MAHARJ NE GAHARI NIDRA SE JAGA DIYA HAI. --DR KRANTIVIR

आरक्षण बहुत sensitive के साथ ही एक ऐसा मुद्दा है क़ि इस्पे देशव्यापी लम्बी बहस क़ि जरुरत है. social जस्टिस व् आम लोगों दलितों पिछड़ों क़ी सत्ता/व्यवस्था में भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु कोई न कोई रास्ता निकलने की जरुरत है. आरक्षण का प्राविधान करने वाले बाबा साहिब खुद भी आरक्षण के खिलाफ थे . ठाकुरों ब्राह्मणों, बनियों, कायस्थों के schools /colleges में सभी नियुक्तियां उनकी जातियों के लोगों क़ि होती रही हैं. judiciary व् revenue विभाग में में कायस्थ , रक्षा सेनाओं में राजपूत/ ठाकुर / क्षत्रिय जाति की नियुक्ति क्या ये अघोषित आरक्षण नहीं था? Rly reservation या अन्यत्र आरक्षण ख़त्म क्यों नहीं कर दिया जाता ? आदि आदि ये बहस के मुद्दे हैं! इस्पे बात कर लें.-- डॉ विक्रम देव "क्रांतिवीर" ९९१९८८३५३३

Tk;xq#nso ! vkse~ ! oans ekrje~ ! लगता है अब बाबा रामदेव ने यह तय कर लिया है कि ेव देश के भ्रष्ट और बेईमान नेताओं को उनकी असली जगह दिखाकर ही दम लेगें। बाबा रामदेव ने स्वाभिमान ट्रस्ट के माध्यम से उन लोगों को सामने लाना शुरु कर दिया है जो रात-दिन देश के लिए सोचते हैं, जीते हैं और देश के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। बाबा रामदेव ने अपने स्वाभिमान ट्रस्ट का सचिव राजीव दीक्षित को बनाया है जो विगत कई बरसों से देश में असली आजादी की लड़ाई अकेले अपने दम पर ही लड़ रहे हैं। राजीव दीक्षित ऐसे धुनी व्यक्ति हैं जो विगत 25 सालों से देश की मल्टी नेशनल कंपनियों और औद्योगिक घरानो के खिलाफ वैचारिक लडा़ई लड़ रहे हैं। कई साल पहले राजीव दीक्षित अपने कैसेटों के जरिए लोगों में राष्ट्र भक्ति का अलख जगाते थे। हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में आयोजित स्वाभिमान ट्रस्ट के देश भर के पदाधिकारियों के सम्मेलन में राजीव दीक्षित ने एक बार फिर अपने धारदार तर्कों और सरकारी आँकड़ों के जरिए यह बताया कि सरकार और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ मिलकर किस तरह देश के करोड़ों लोगों को लूट रही है। उन्होने कहा कि सरकार ने केरल की समुद्री सीमा में स्थित दुनिया के सबसे खूबसूरत द्वीपों में से एक वाईपिन द्वीप को विदेशी कंपनियों को परमाणु कचरा डालने के लिए सौंप दिया है। श्री दीक्षित ने कहा कि अंग्रेजों के आने के पहले हमारा देश इतना खुशहाल था जिसकी बराबरी दुनिया का कोई देश नहीं कर सकता था। देश से 21 प्रतिशत निर्यात होता था अमरीका के साथ ही फ्राँस, स्वीडन, नार्वे ब्रिटेन जैसे कई यूरोपीय देश भारत के आगे कहीं नहीं टिक पा रहे थे। राजीव दीक्षित ने कहा कि 1809 में ब्रिटेन की संसद में तत्कालीन प्रधान मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि भारत से आने वाली हर चीज इतनी अच्छी होती है कि हमारे उद्योग उनका मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं और हमारे उद्योग धंधे नष्ट हो रहे हैं। तब ब्रिटेन की रानी जो दुनिया भर के देशों से अपने लिए बेहतरीन कपड़े मंगवाती थी, उसने भी भारत के कारीगरों द्वारा हाथ से बनाए कपड़ों को देखकर कहा था कि दुनिया के किसी देश में भारत जैसे कपड़े नहीं बनते। उस समय ब्रिटेन के राजा को भारत से भेजा गया एक शाल इतना पसंद आया था कि उसने यहाँ तक कह दिया था कि जब मैं मरूं तो यह शाल मेरे शव के पास रख दिया जाए, मैने जिंदगी में इतनी खूबसूरत शाल नहीं देखी। राजीव दीक्षित ने कहा कि तब हमारे देश की आबादी 40 करोड थी, जिसमें से 4 करोड़ कारीगर थे जो हाथ से काम करते थे। उस समय भारत में मजदूरों को मिलने वाली मजदूरी की दर ब्रिटेन से दस गुना थी यानी अगर ब्रिटेन के किसी मजदूर को 10 रुपये प्रतिदिन मिलते थे तो भारत में मजदूरों को 100 रुपये प्रतिदिन मिलते थे। अंग्रेजों ने भारत में आते ही यहाँ की स्वदेशी व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने स्वदेशी कारीगरों द्वारा बनाई जाने वाली चीजों पर कई तरह के कर लगा दिए। आज हमारे देश में कस्टम, एक्साईज, एंट्री टैक्स आदि के नाम से लिए जाने वाले कर अंग्रेजों की ही देन है। अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश के कई कारीगरों के हाथ के अंगूठे इसलिए काट दिए कि उन्होंने अंग्रजों के आगे झुकने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि देश में तब 16 करोड़ किसान थे, हर किसान के पास 10 एकड़ का खेत था। ये ऑंकड़े 1881 में अंग्रेजों द्वारा कराई गई जनगणना के हैं। उस समय देश में एक भी किसान भूमिहीन नहीं था। इसके बाद अंग्रेजों ने 1894 में लैंड एक्विजिशन एक्ट लाकर किसानों की जमीनें छीन ली। किसानों को अपनी उपज का 90 प्रतिशत लगान के रूप में अंग्रेज सरकार को देना अनिवार्य कर दिया गया। जब इस अत्याचार को लेकर कुछ ब्रिटिश सांसदों ने ब्रिटेन की संसद में आवाज उठाई और कहा कि यह अत्याचार की पराकाष्टा है, तो तत्कालीन ब्रिटिश प्रधान मंत्री ग्लैडिस्टन ने कहा कि जब तक हम भारत के किसानों का मनोबल नहीं तोड़ देते हम उन पर राज नहीं कर सकते। जब 1947 में भारत आजाद हुआ तो हमारे देश में सुई से लेकर हवाई जहाज तक बाहर से आते थे। जबकि इसके 150 साल पहले हम पूरी दुनिया को हर तरह का सामान बेचते थे। अंग्रेजों के जाने के बाद सत्ता में बैठे लोगों ने स्वदेशी उद्योग धंधों को प्रोत्साहित करने की बात तो खूब की मगर संसद की पहली बैठक में ही स्वदेशी की भावना का गला घोट दिया गया। देश में विदेशी पूंजी लेकर आए वालों को प्रोत्साहित किया जाने लगा और देशी उद्योगपतियों को हर तरह से उपेक्षित किया जाने लगा। श्री दीक्षित ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में देश के 6 लाख 32 हजार लोगों ने अपनी जान कुर्बान की। आजादी के पहले तो एकमात्र ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में आई थी जबकि आज सैकड़ों बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में अपने पैर जमा चुकी है। आजादी के बाद देश के किसानों से औद्योगिकरण के नाम से 5 लाख हैक्टेयर जमीन छीन ली गई। श्री दीक्षित ने कहा कि सरकार और देश के वित्त मंत्री हमेशा से ये झूठा दावा करते आए हैं कि विदेशी कंपिनयों के आने से देश में पूंजी निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे बड़ा झूठ और कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान लीवर इस देश में मात्र 32 लाख रुपये की पूंजी लेकर आई थी, मगर आज यह कंपनी 1800 से 2000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाकर भारत से बाहर भेज रही है। ये तो सरकारी आँकड़ों की जानकारी है अगर इसकी गहराई में जाएं तो यह मुनाफा कई गुना ज्यादा होगा। श्री दीक्षित ने कहा कि कोलगेट ने मात्र 17 लाख रुपये की पूंजी से अपना कारोबार शुरु किया था, मगर आज यह सैकड़ों करोड़ रुपये का मुनाफा भारत से बाहर भेज रही है। उन्होने कहा कि ये कंपनियाँ भारत आकर भारत की बैंकों से ही सस्ती ब्याज दरों पर ऋण लेकर, यहाँ के शेअर बाजार में अपना नाम दर्ज कराकर और अपने देश की जनता से ही पूंजी इकठ्टी कर अपना कारोबार फैलाती है। सरकार भी इन विदेशी कंपनियों के आगे नममस्तक हो जाती है और इनको बिजली, पानी, जमीन से लेकर उद्योग के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया कराती है। जबकि अगर कोई भारतीय व्यक्ति उद्योग शुरु करना चाहे तो उसे कई साल तक सरकारी विभागों के चक्कर लगाना पड़ते हैं। श्री दीक्षित ने वित्त मंत्री द्वारा संसद में दिए जाने वाले बजट भाषण का हवाला देते हुए कहा कि देश में गृह उद्योग जिसमें एक आदमी भी अपने घर पर काम करके रोजगार चला रहा है, ऐसे 5 करोड़ 80 लाख उद्योग हैं, इन उद्योगों को देश में दिए जाने वाले कुल कर्ज का 2 प्रतिशत ही दिया जाता है। जबकि इन उद्योगों द्वारा देश के सकल उत्पादन में 35 प्रतिशत का योगदान दिया जाता है। इन उद्योगों को न तो सरकार से कोई ढूट मिलती है न सबसिडी। अगर इन उद्योगों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन और ऋण दिया जाए तो इससे सीधे एक से दो करोड़ लोगों को रोजगार मिल सकता है। श्री दीक्षित ने कहा क सरकार और बैंक अपनी 80 प्रतिशत राशि विदेशी कंपनियों को ऋण के रूप में देते हैं। जबकि इस देश की बैंकों में 80 प्रतिशत राशि गरीब मजदूरों और किसानों द्वारा जमा की गई होती है। श्री दीक्षित ने कहा कि किसान, जो देश के लिए अन्न उपजाता है उसे 15 प्रतिशत ब्याज की दर से ऋण दिया जाता है जबकि कार खरीदेन वाले को 5 प्रतिशत की दर पर ऋण दिया जाता है। श्री दीक्षित ने वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में मात्र 1 प्रतिशत लोग खादी पहनते हैं, इससे देश में 1 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि कल्पना करें कि अगर देश के 100 प्रतिशत लोग खादी पहनने लग जाएँ तो देश में 65 करोड़ लोगों को रोजगार मिल सकता है। अगर हम तयकर लें कि हम अपने गाँव के मोची द्वारा बनाए जाने वाले जूते पहनेंगे तो देश के डेढ़ करोड़ मोचियों को काम मिल सकता है। क्षी दीक्षित ने कहा कि अगर हम एल्युमिनियम से बने कुकर (वैज्ञानिक शोधों से यह सिध्द हो चुका है कि एल्युमिनियम में बना खाना दूषित हो जाता है) की बजाय मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाएँ तो देश के 50 लाख कुम्हारों को काम मिल सकता है। मिट्टी के बरतन में बना खाना सबसे शुध्द होता है क्योंकि मिट्टी करोड़ों सालों से सूरज की रोशनी में तपती आ रही है और उसके अंदर तमाम खनिज और लवणों के साथ पौष्टिक तत्व होते हैं। श्री दीक्षित ने बताया कि देश के टीवीएस औद्योगिक समूह के परिवार में मिट्टी के बर्तनों में ही खाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने आसपास की छोटी छोटी चीजों से अपने आपको बदलने लगें तो हम कुछ ही सालों में देश का हुलिया बदल सकते हैं और हर दृष्टि से आतम निर्भर हो सकते हैं। बाबा रामदेव ने कहा, 'हिसार के नतीजे परिवर्तन के संकेत हैं। हिसार का असर > > यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में भी दिखेगा। कांग्रेस की हार तो तय थी। जीत या > हार > > का श्रेय नहीं ले रहे हैं, लेकिन हमारे एक हजार कार्यकर्ता हिसार में काम कर > > रहे थे। हिसार में कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने > > घर-घर जाकर वोट मांगे, > > लेकिन जनता ने उन्हें ठुकरा दिया।' बाबा रामदेव जी ने काले धन पर मोर्चा > खोलते > > हुए सवाल उठाया कि कालेधन पर कांग्रेस क्यों चुप है? उन्होंने कहा, 'केंद्र > ने > > जितने भी समझौते किए हैं, देश की जनता को धोखे में रखकर समझौते कर रही है। > > सरकार की इस प्रक्रिया के तहत काला धन ला रही है, यह जनता को बताए। सरकार > काले > > धन के मुद्दे पर > > अपनी रणनीति स्पष्ट करे। केंद्र सरकार सत्ता में रहने का अधिकार खो चुकी > है।' > > 'भ्रष्टाचार पर सरकार का रुख गोलमोल है। अगर दुनिया में सबसे अधिक > भ्रष्टाचार > > कहीं हो रहा है तो वह मौजूदा केंद्र सरकार के राज में हो रहा है।' योग गुरु > ने > > कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर कांग्रेस अपना रुख साफ नहीं करेगी > > तो अभी उसकी पराजय हुई है आगे महापराजय होगी।' बाबा रामदेव ने यूपीए से मांग > > की, 'कालाधन, भ्रष्टाचार और व्यवस्था परिवर्तन पर अपनी नीति स्पष्ट करे > सरकार। > > हम मुद्दों के आधार पर विरोध कर रहे हैं। हम राजनैतिक शुद्धिकरण के लिए काम > कर > > रहे हैं। आर्थिक विषमताओं का दौर खत्म होना चाहिए। भारत को जगना होगा। > > भारत कमजोर राष्ट्र नहीं है।' बाबा रामदेव ने टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत > भूषण > > के कश्मीर पर दिए गए विवादास्पद बयान पर कहा, 'जन लोकपाल आंदोलन से जुड़े > लोग > > भ्रमित करने वाले बयान न दें। वे देश को तोड़ने वाले बयान न दें। उन्होंने > सलाह > > दी कि टीम अन्ना कश्मीर को लेकर अपना स्पष्ट मत दुनिया के सामने अन्ना ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी में कोई फर्क नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एक भ्रष्टाचार में स्नातक है दूसरा पीएचडी।’ इसके जवाब में भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने हजारे पर कड़ा जुबानी हमला किया है। उन्होंने कहा, 'अगर हमारा साथ नहीं तो अन्ना भी उसी तरह कुचल दिए जाते जैसे रामदेव कुचले गए थे।' बाबा रामदेव ने जून में रामलीला मैदान में अनशन शुरू किया था, लेकिन उन्हें पुलिस कार्रवाई कर खदेड़ दिया गया था। डॉ विक्रम देव "क्रांतिवीर" ९९१९८८३५३३

OM. Chhih..chhih..Waise to ye malum hai ki angrejon ki najayaj aulad ye congressi kutte aisa(hamare desh ki betiyon ke charitra girane ka dhandha( call girl ke roop me parosana) har event me karte hain. Ye silsila jo Robert Cive ne shuru kiya tha use aaj bhi ye Congressi badastur jari rakhe hue hain. PP Baba Ram Devji Maharaj kahte hain ki chitra badla lekin charitra nahin badla hai. Ab comments se kam chalne wala nahi hai. Ab to in gaddar deshdrohiyon ko aisa ukhad fenkna hai ki ve dubar kabhi na ug saken. Inke gunahon ka hisab bhi gin-gin v chun chun ke lena hai. Dr VDS “Krantiveeer”

"राष्ट्रपति , प्रधान मंत्री , उप राष्ट्रपति, वनिज्ये मंत्री ,वित्त मंत्री केंद्रीय मंत्री राज्य मंत्री सभी मंत्रियों का खर्चा हजारों करोडो में है जितना विकास में खर्च नहीं होता उतना तो इनके ऊपर खर्च होता है , इन भ्रष्ट मंत्रियों का साल का खर्चा 3 लाख 21 हज़ार करोड़ का है ! और हम लोगों के विकास का खर्चा 1 साल का मुश्किल से 1 लाख करोड़ रूपये है तो क्या जरुरत है ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था का इस भ्रष्ट तंत्र का , इस व्यवस्था को तो उखड फेंकना होगा इस व्यवस्था को बदलना ही होगा,अब बर्दाश नहीं होता, अब बर्दाश करने की सीमा पार हो चुकी है इस काले धन को लाने के तरीके हैं संसद के द्वारा एक प्रस्ताव पास करवाना है की जो भी धन भारत के इन भ्रष्ट नेताओं ,मंत्रियों ने इन 63 ,64 सालों में विदेशों में जमा कराया है,उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाये ! और जब ये प्रस्ताव संसद में आएगा तो हमें ध्यान से देखना है की इस बिल का कौन कौन विरोध करता है और फिर उससे हमने बदला लेना है जैसे की अंग्रेजों से लिया था जब वो गोरे लुटेरे अंग्रेज नहीं रहे तो इन काले अंग्रेजों से भी निपट लेंगे ! और हमने इन मंत्रियों चुनाव क्षेत्र में जा कर सभी को बताना है, 20 साल पहले तक इनके पास एक टूटी साइकल भी नहीं थी इनके बाप दादाओं ने इनके लिए कुछ छोड़ा भी नहीं था और आज इनका हजारों करोड़ इन्होने स्विस बैंक में जमा किया है वो कहाँ से और केसे आया सही मायने में वो हमारा है और इन्होने हमें धोखा दे कर हमें लूट कर विदेशों में जमा कराया है ! दोस्तों अब संघठित हो कर भारत की दूसरी आज़ादी के लिए तैयार हो जाओ अब इन काले अंग्रेजों को सबक सिखाने का समय आ चूका है

Gandhian Vision: na dainyam na palayanam !

Gandhian Vision: na dainyam na palayanam !: One should not bow before sin or sinner nor to run away being frightened from the sinners, criminals, wrong elements, anti social, anti nati...

Hkkjr ljdkj ds dsUnzh; vke ctV 2013&14 dh leh{kk gsrq ifjppkZ
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