"राष्ट्रपति , प्रधान मंत्री , उप राष्ट्रपति, वनिज्ये मंत्री ,वित्त मंत्री केंद्रीय मंत्री राज्य मंत्री सभी मंत्रियों का खर्चा हजारों करोडो में है जितना विकास में खर्च नहीं होता उतना तो इनके ऊपर खर्च होता है , इन भ्रष्ट मंत्रियों का साल का खर्चा 3 लाख 21 हज़ार करोड़ का है ! और हम लोगों के विकास का खर्चा 1 साल का मुश्किल से 1 लाख करोड़ रूपये है तो क्या जरुरत है ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था का इस भ्रष्ट तंत्र का , इस व्यवस्था को तो उखड फेंकना होगा इस व्यवस्था को बदलना ही होगा,अब बर्दाश नहीं होता, अब बर्दाश करने की सीमा पार हो चुकी है इस काले धन को लाने के तरीके हैं संसद के द्वारा एक प्रस्ताव पास करवाना है की जो भी धन भारत के इन भ्रष्ट नेताओं ,मंत्रियों ने इन 63 ,64 सालों में विदेशों में जमा कराया है,उसे राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाये ! और जब ये प्रस्ताव संसद में आएगा तो हमें ध्यान से देखना है की इस बिल का कौन कौन विरोध करता है और फिर उससे हमने बदला लेना है जैसे की अंग्रेजों से लिया था जब वो गोरे लुटेरे अंग्रेज नहीं रहे तो इन काले अंग्रेजों से भी निपट लेंगे ! और हमने इन मंत्रियों चुनाव क्षेत्र में जा कर सभी को बताना है, 20 साल पहले तक इनके पास एक टूटी साइकल भी नहीं थी इनके बाप दादाओं ने इनके लिए कुछ छोड़ा भी नहीं था और आज इनका हजारों करोड़ इन्होने स्विस बैंक में जमा किया है वो कहाँ से और केसे आया सही मायने में वो हमारा है और इन्होने हमें धोखा दे कर हमें लूट कर विदेशों में जमा कराया है ! दोस्तों अब संघठित हो कर भारत की दूसरी आज़ादी के लिए तैयार हो जाओ अब इन काले अंग्रेजों को सबक सिखाने का समय आ चूका है
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